आखिरकार लंबे इंतजार के बाद अक्षय कुमार और अनन्या पांडे स्टारर केसरी चैप्टर 2 फिल्म आज 18 अप्रैल को थिएटर में रिलीज कर दी गई है। फिल्म अंग्रेजी हुकूमत द्वारा किए गए जलियांवाला बाग हत्याकांड को एक बार फिर उकेरने का काम करती है। चलिए केसरी चैप्टर 2 फिल्म की कहानी और केसरी चैप्टर 2 रिव्यू जानते है।

केसरी चैप्टर 2 रिलीज़
करण सिंह त्यागी के डायरेक्शन में तैयार की गई और करण जौहर के धर्म प्रोडक्शन के बैनर तले बनी फिल्म केसरी चैप्टर 2 को दर्शकों की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। फिल्म में अक्षय कुमार और अनन्या पांडे के अलावा और आर. माधवन स्टीवन हार्टले, मार्क बेनिंगटन, सैमी जोनास हेनी और एलेक्स ओ’नेल जैसे दिग्गज कलाकरों ने अभिनय किया है.
केसरी चैप्टर 2 की कहानी क्या है
केसरी चैप्टर 2 फिल्म एक कोर्ट ड्रामा फिल्म के रूप में देखी जा रही है। जो अप्रैल 1919 में हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड से प्रेरित होकर तैयार की गई है। फिल्म को युद्ध के मैदान के बजाय कानून और कोर्ट कचहरी के तड़के के साथ भुना गया है। जिसमें अक्षय कुमार का किरदार वकील सी शंकरन नायर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ कोर्ट में बगावत करता है और जलियांवाला बाग हत्याकांड के पीछे के मूल कारणों को उजागर करने के लिए पूरी ताकत लगता है। सी शंकरन नायर साबित करना चाहता है कि जलियांवाला बाग हत्याकांड एक गलती नहीं बल्कि जानबूझकर किया गया नरसंकर था। जिसमें लाखों बेगुनाह लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। नायर सच्चाई को उजागर करने के लिए जो कुछ करता है, वह सब कुछ इस फिल्म में दिखाया गया है।
केसरी चैप्टर 2 मूवी रिव्यू हिंदी
जैसा कि केसरी चैप्टर 2 फिल्म साल 2019 में रिलीज हुई केसरी फिल्म का सीक्वल है। जिसमें सारागढ़ी के युद्ध की कहानी को दिखाया गया था। अब पार्ट 2 में डायरेक्ट ने कहानी को एक नया रूप देते हुए आगे बढ़ाया है। इसे एक कोर्ट ड्रामारूम में बदलकर डायरेक्टर ने अपने कौशल और अनुभव का अच्छा उदाहरण दिया है। फिल्म की कहानी बिना किसी देरी के अपनी डोर पकड़ती है और दर्शकों को भी कहानी समझने में ज्यादा देर नहीं लगती। फिल्म में गुस्सा, इमोशन और रोमांस पैदा करने की सफल कोशिश की गई है। जिस तरह से जलियांवाला बाग हत्याकांड की घटना को री-क्रिएट किया गया है, वह देखकर दर्शकों का दिल दहल गया। फिल्म खत्म होने तक दर्शकों की रुचि जरा भी कम नहीं होती।
फिल्म में क्या बेहतरीन काम हुआ है
फिल्म की प्रोडक्शन डिजाइनर रीता घोष है। जिन्होंने आजादी से पहले के भारत का जो वातावरणीय ढांचा तैयार किया है, वह एकदम वास्तविक लगता है। जिस पर सिनेमैटोग्राफी और वीएफएक्स की परत चढ़ाने के बाद दर्शक भी एक बार तो धोखा खा जाते हैं। जिस तरह से कोर्ट में ड्रामा क्रिएट होता है, वह भी एकदम वास्तविक लगता है। दर्शकों को ऐसा लगने लगता है कि वे खुद किसी केस के गवाह है।
कलाकारों का प्रदर्शन कैसा है
असल मायनों में केसरी चैप्टर 2 के कलाकार फिल्म की सबसे मजबूत कड़ी है। जिसमें अक्षय कुमार ने एक वकील के किरदार को पूरी तरह से जिया है। दूसरी ओर जसप्रीत सिंह ने क्रांतिकारी कृपाल सिंह के भूमिका निभाकर अपने टैलेंट का अनोखा उदाहरण पेश किया है। जबकि साइमन पैस्ले डे ने अंग्रेज के किरदार रेजीनाल्ड डायर को बखूबी निभाया है। बाकी फिल्म के दूसरे कलाकार आर. माधवन और अनन्या पांडे ने भी अपने किरदार के साथ पूरी तरह से न्याय किया है। जिसके चलते करीब 2 घंटे 15 मिनट लंबी यह फिल्म दर्शकों को जरा भी बोर नहीं करती और वे इसका भरपूर आनंद उठाते हैं।
फिल्म देख दर्शकों ने क्या कहा
केसरी चैप्टर 2 फिल्म देखने के बाद दर्शकों की ओर से जबरदस्त सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। एक यूजर कहता है कि यह फिल्म असल मायनों में हमें आजादी की कीमत का एहसास कराती है। जबकि दूसरा यूजर कहता है कि यह केवल फिल्म नहीं है, बल्कि उन मासूम और बेगुनाह लोगों को श्रद्धांजलि है। जिन्होंने इस दुर्दांत घटना में अपना जीवन गंवा दिया था।
क्या है जलियांवाला बाग हत्याकांड घटना
जलियांवाला बाग हत्याकांड भारतीय इतिहास की वह घटना है, जिसे सुनकर हर किसी की रूह कांप जाती है। 13 अप्रैल 1919 को जनरल डायर के आदेश पर सेना ने वहाँ मौजूद भीड़ पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी थी। जिसमें लाखों बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग मारे गए थे। इस बड़ी नरसंहार घटना के दास्तान कई पीढ़ियां सुनती आ रही है। जिसने अंग्रेजी हुकूमत की जड़े ढीली कर दी थी। मामले की गंभीरता को समझते हुए इस पर काफी लंबे समय तक बहस भी चली, मगर समय के साथ मामला ठंडा पड़ गया।
केसरी चैप्टर 2 फिल्म देखे या नहीं
अगर आपको ऐतिहासिक ड्रामा फिल्में देखने का शौक है तो यह फिल्म आपको आवश्यक रूप से देखनी चाहिए। जिसमें आपको न केवल इतिहास को जाने का मौका मिलेगा. बल्कि कानूनी कार्यवाही और अंग्रेजो हुकूमत के काले कानूनों को भी करीब से समझने का मौका मिलेगा।।