UP के मदरसों में अब होगी इन विषयों की भी पढ़ाई, योगी ने पेश की नई मदरसा शिक्षा निति, पढ़ें पूरी खबर

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ ने मदरसा शिक्षा में सुधार करने का ऐलान किया है। इस बदलाव के बाद मदरसा केवल मजहबी शिक्षा तक समित नहीं होंगे। बल्कि उनमें अंग्रेजी, विज्ञान और गणित जैसे विषयों की भी पढ़ाई करवाई जाएगी। योगी सरकार का यह फैसला मदरसों को बेहतर बनाने और इनमें पढ़ने वाले बच्चों के सुनहरे भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिए जा रहे हैं। चलिए जानते हैं मदरसों को लेकर योगी सरकार का नया फरमान क्या है और मदरसा पंजीकरण के लिए अब क्या करना होगा।

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Image : मदरसों-शिक्षा पर योगी ने उठाया ठोस कदम | Credit : Munafabazaar.in

मदरसों के लिए योगी का नया ऐलान

मुख्यमंत्री योगी ने मदरसा शिक्षा नीति को लेकर बीते रोज एक महत्वपूर्ण बैठक की है। जिसमें उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि अब मदरसे केवल मजहबी शिक्षा तक ही सीमित नहीं रहने चाहिए। इनमें सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्तर का पाठ्यक्रम भी बच्चों को पढ़ाया जाना चाहिए। ताकि वह बदलते दौर के साथ कौशल हासिल कर सके। और उन्हें समाज की मुख्य धारा से जुड़ने का मौका मिले। योगी सरकार का मदरसों को लेकर किया जा रहा है यह बदलाव एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जो मुस्लिम बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।

अब मदरसों में पढ़ाएं जाएंगे यह सब्जेक्ट

अब तक मदरसों में केवल मजहबी शिक्षा दी जाती थी। योगी सरकार की मदरसों को लेकर लागू की जारी नई नीति के बाद मदरसों में विज्ञान, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, गणित और अन्य विषयों की भी पढ़ाई कराई जाएगी। जैसी एक सामान्य स्कूल में होती है। जिससे मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा का आधार मजबूत बनेगा। जो उनके बेहतर भविष्य के लिए बेहद जरूरी है।

13 लाख छात्र पढ़ते है मदरसों में

साल 2025 के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में कुल 13,329 मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित किये जा रहे हैं। जिनमें से 561 मदरसों को सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है। इन मद्रास में कुल 12.35 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं। जिनमें करीब 23,000 से ज्यादा शिक्षक और कर्मचारी कार्यरत है।

सभी मदरसों को करना होगा नियम स्वीकार

सीएम योगी ने इस अहम बैठक के बाद यह साफ कर दिया है कि जो मदरसे मौजूदा समय में संचालित हो रहे हैं। उन्हें नई मदरसा शिक्षा नीति को पूरी तरह से स्वीकार करना होगा। अन्यथा उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी और उन्हें बंद करने का आदेश जारी किया जा सकता है। साथ ही नए मदरसों को भी नई शिक्षा नीति के मानकों को स्वीकार करना होगा। 

जानकारी के लिए बता दे साल 2017 में मदरसों को व्यवस्थित तरीके से संचालित करने के लिए मदरसा पोर्टल की शुरुआत की गई थी। जिससे प्रमाण पत्र, परीक्षाएं, पंजीकरण और मदरसों से संबंधित अन्य कार्य ऑनलाइन शुरू हो गए हैं। 

नए मदरसों के लिए दिशा निर्देश

सरकार ने मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया को भी पूरी तरह से पारदर्शी बनाने की कोशिश की है। ताकि मदरसा-शिक्षा में गुणवत्ता बढ़े। नए शिक्षकों की नियुक्ति के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। जिसमें शिक्षा, न्याय विभाग और वित्त अधिकारी शामिल होंगे।

जो मदरसे नए खुलने जा रहे है। अधिकारी पहले उनका मुआयना करेंगे। जिन मदरसों में सभी जरूरी सुविधाएं जैसे वॉशरूम, छाया, पानी और बैठने की व्यवस्था आदि होगी। केवल उन्हें ही सरकार द्वारा स्वीकृति दी जाएगी।

बोर्ड परीक्षा में घटी छात्रों की संख्या

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मदरसों को लेकर नई शिक्षा नीति का यह अहम कदम बोर्ड परीक्षा में लगातार घट रही मुस्लिम छात्रों की संख्या को देखते हुए उठाया है। साल 2016 के आंकड़ों के मुताबिक बोर्ड परीक्षा में कुल 4.22 लाख मुस्लिम छात्रों ने भाग लिया था। जो साल 2025 में घटकर मात्र 88 हजार रह गई है। जो एक बड़ी चिंता है। 

निष्कर्ष : इस हिंदी न्यूज़ आर्टिकल में हमने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा द्वारा हालही में मदरसा शिक्षा निति में बदलाव करनी की योजना के संबंध में न्यूज प्रसारित की है. जिसका उद्देश्य मदरसा को केवल धार्मिक केंद्र न बनाकर शिक्षा का केंद्र बनाना है. लेख में बताई गई सम्पूर्ण जानकारी इंटरनेट से जुटाई गई है. जिसको पूरी पारदर्शिता के साथ लिखने का प्रयास किया गया है.

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