अगर आपने भी 12वीं कक्षा बायोलॉजी विषय से पास की है और मेडिकल के क्षेत्र में अपना करियर बनाने की सोच रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद उपयोगी साबित होगा। भारत में मेडिकल सेक्टर प्रतिदिन तेजी से बढ़ रहा है और इस क्षेत्र में रोजगार की बिल्कुल भी कमी नहीं होगी। इस लेख में हम 12वीं के बाद सबसे ज्यादा डिमांड में रहने वाले 5 मेडिकल कोर्सेज के बारे में जानकारी देंगे। जिन्हें करने के बारे में आप विचार कर सकते हैं।

Best Medical Courses After 12th
कोर्स का नाम | अवधि | औसत फीस (प्रति वर्ष) |
---|---|---|
MBBS | 5.5 साल | ₹20,000 – ₹25 लाख |
BHMS | 5.5 साल | ₹30,000 – ₹3 लाख |
B.Sc. Nursing | 4 साल | ₹20,000 – ₹2.5 लाख |
B-Pharma | 4 साल | ₹50,000 – ₹1.5 लाख |
BAMS | 5.5 साल | ₹30,000 – ₹4 लाख |
1. MBBS (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी)
MBBS भारत के सबसे प्रतिष्ठित और सबसे ज्यादा किये जाने वाले मेडिकल कोर्सेज में से एक है। अगर आप एक बहुत बड़ा डॉक्टर बनने का सपना देख रहे हैं तो एमबीबीएस कोर्स आपके लिए सबसे पहला और जरूरी कदम होगा। इस कोर्स की अवधि लगभग साढे 5 साल की है। जिसमें 4.5 साल की थ्योरी पढ़ाई और 1 साल की इंटर्नशिप कराई जाती है। भारत में एमबीबीएस में एडमिशन के लिए सबसे पहले NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) पास करना होता है।
MBBS कोर्स की सरकारी कॉलेज में फीस लगभग 20,000 से 1 लाख के बीच सालाना रहती है। जबकि प्राइवेट कॉलेज में यह फीस 10 लाख से 25 लाख तक पहुंच सकती है। एमबीबीएस कोर्स करने के बाद आप जर्नल फिजिशियन, मेडिकल ऑफिसर, सर्जन या फिर किसी सरकारी अस्पताल में डॉक्टर बन सकते हैं। जिसकी शुरुआती सैलरी 6 लाख से 10 लाख सालाना रहती है। हालांकि सैलरी अनुभव और जॉब लोकेशन के आधार पर कम या ज्यादा हो सकती है।
2. BHMS (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी)
अगर आप होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति में गहरी रुचि रखते हैं तो आपके लिए बीएचएमएस कोर्स एक शानदार विकल्प है। यह कोर्स भी 5.5 साल का होता है। जिसमें 4.5 साल की पढ़ाई और 1 साल की इंटर्नशिप कराई जाती है। इसमें भी एडमिशन लेने के लिए नीट एग्जाम को क्वालीफाई करना जरूरी है।
BHMS कोर्स की सरकारी कॉलेज में फीस 30 हजार से 1 लाख सालाना और प्राइवेट कॉलेज में 1.5 लाख से 3 लाख रहती है। यह कोर्स करने के बाद आप प्रैक्टिशनर बन सकते हैं या अपना खुद का क्लीनिक खोलकर भी अच्छा खासा कमा सकते हैं। इसके अलावा रिसर्च, सरकारी हेल्थ सेक्टर में जॉब और टीचिंग जैसे अवसर भी खुल जाते हैं।
3. B.Sc. Nursing (बैचलर ऑफ साइंस इन नर्सिंग)
B.Sc. Nursing कोर्स उन लोगों के लिए तैयार किया गया है, जो सेवा भाव के साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करना चाहते हैं। बीएससी नर्सिंग कोर्स से 4 साल की अवधि में पूरा होता है। जिसमें थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी शामिल है।
बीएससी नर्सिंग कोर्स की फीस सरकारी संस्थानों में 20 हजार से 80 हजार सालाना और प्राइवेट संस्थानों में एक लाख से 2.5 लाख सालाना तक हो सकती है। इसे पूरा करने के बाद अस्पताल में स्टाफ नर्स, कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर, OT असिस्टेंट और अन्य कई पदों पर नौकरी कर सकते हैं। जिसकी शुरुआती सैलरी 2.5 लाख से चार लाख सालाना रहती है।
4. B-Pharma (बैचलर ऑफ फार्मेसी)
B-Pharma कोर्स उन छात्रों के लिए एक शानदार विकल्प है, जो मेडिकल के क्षेत्र में कैरियर तो बनना चाहते हैं, मगर डॉक्टर नहीं बनना चाहते. यह कोर्स भी 4 साल की अवधि में कराया जाता है. जिसमें दवाओं की तैयारी, कंपोजिशन, साइड इफेक्ट और दवाओं के इस्तेमाल आदि की जानकारी दी जाती है। इस कोर्स के लिए एडमिशन लेने के लिए कोई खास एंट्रेंस एग्जाम का नियम नहीं है। हालांकि कुछ संस्थाओं द्वारा सामान्य एंट्रेंस एग्जाम या मेरीट बेसिस पर एडमिशन दिया जाता है।
B-Pharma Course Fees सालाना 50 हजार से डेढ़ लाख तक रहती है। यह कोर्स करने के बाद मेडिकल अंडरराइटर, फार्मासिस्ट या ड्रग इंस्पेक्टर जैसे पदों पर नौकरी कर सकते हैं। भविष्य में इस क्षेत्र में नौकरी की कोई कमी नहीं होगी।
एक फ्रेशर बी-फार्मा ग्रेजुएट छात्र की सैलरी 3 लाख से 5 लाख प्रतिवार तक रहती है। जो अनुभव और जॉब लोकेशन के आधार पर कम या ज्यादा हो सकती है।
5. BAMS (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी)
BAMS उन छात्रों के लिए आदर्श कोर्स है, जो आयुर्वेदिक के क्षेत्र में अपना करियर बनाने की सोच रहे हैं। इस कोर्स की अवधि 5.5 साल की होती है। जिसमें 4.5 साल की थ्योरी पढ़ाई और 1 साल की इंटर्नशिप कराई जाती है। इसमें एडमिशन लेने के लिए नीट एग्जाम पास करना जरूरी है।
BAMS कोर्स की सरकारी संस्थानों में फीस 30 हजार से 1 लाख प्रतिवर्ष और प्राइवेट संस्थानों में दो लाख से चार लाख प्रतिवर्ष के बीच रहती है। यह कोर्स करने के बाद छात्र पंचकर्म विशेषज्ञ, आयुर्वेद डॉक्टर, आयुर्वेद फार्मा कंपनी में रिसर्च या अपना खुद का क्लीनिक खोलकर भी एक बेहतर केयर बना सकते हैं।
निष्कर्ष: इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी प्रसारित करना है. अपने करियर के बारें में अच्छे से सोच-विचार करके ही फैसला बनाये। लेख में दी गई जानकारी में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है, तो हमें सूचित करें।